-
जब हम संबंध और सह-निर्भरता को समस्या मान सकते हैं?
संबंध व्यसन एक ऐसा प्रकट है जो पिछले कुछ दशकों में अधिक से अधिक ध्यान का केंद्र बन गया है। यह व्यसन केवल दूसरे के प्रति गहरे भावनात्मक जुड़ाव का प्रतिनिधित्व नहीं करता, बल्कि यह अधिकतर असीमित और तर्कहीन सीमाओं के पार की आसक्ति है। संबंध व्यसन से ग्रस्त व्यक्ति आमतौर पर खुद को संबंध का हिस्सा मानने के लिए प्रवृत्त होता है, जिससे वह अपनी स्वतंत्र पहचान खो देता है। यह प्रकट विभिन्न समस्याओं का कारण बन सकता है, जिसमें संबंधों में हिंसा, परिवार के सदस्यों के साथ संघर्ष और माता-पिता-पालक संबंधों का विकृत होना शामिल है। संबंध व्यसन आमतौर पर ऐसे व्यक्तित्व लक्षणों के साथ जुड़ा होता है…
-
“तोड़ने का कारण क्या था?” – मनोवैज्ञानिक की व्याख्या
संबंधों में छोड़ना या अस्वीकार करना अक्सर एक दर्दनाक अनुभव होता है, जो कई लोगों के लिए परिचित है। ऐसे हालात विशेष रूप से कठिन होते हैं जब कोई पहले ही कई बार निराशा का अनुभव कर चुका होता है। छोड़ने वाला पक्ष अक्सर खुद को दोषी मानता है, घटनाओं को एक भाग्य के रूप में या अन्याय के रूप में जीता है। इस समय अक्सर यह सवाल उठता है: यह मेरे साथ क्यों हो रहा है? भावनात्मक दर्द और न समझे जाने की भावना लगभग असहनीय हो जाती है। छोड़ना न केवल संबंध के अंत का संकेत है, बल्कि कई मामलों में गहरे आंतरिक समस्याओं का भी संकेत दे…