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मसूड़ों की सूजन HIV वायरस की गतिविधि को बढ़ा सकती है
HIV संक्रमण और इसके बाद एचआईवी से होने वाले एड्स का विकास एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती है। एचआईवी, यानी मानव इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस, शरीर की इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है, जिससे विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों का आसानी से होना संभव हो जाता है। एड्स, यानी अधिग्रहित इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम, एचआईवी संक्रमण का अंतिम चरण है, जब शरीर की रक्षा प्रणाली इतनी कमजोर हो जाती है कि सबसे छोटे संक्रमण भी जीवन के लिए खतरा बन सकते हैं। एचआईवी संक्रमण और मौखिक स्वास्थ्य के बीच संबंध अनुसंधान लगातार एचआईवी संक्रमण और विभिन्न बीमारियों के बीच नए संबंधों को उजागर कर रहा है। हाल के एक अध्ययन में मौखिक स्वास्थ्य और एचआईवी…
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एचआईवी वायरस चिकित्सा हस्तक्षेपों का कैसे विरोध करता है?
HIV वायरस, जो कमजोर इम्यून सिस्टम और एड्स का कारण बन सकता है, बेहद चालाकी से शरीर में छिपने में सक्षम है। हाल की शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि वायरस हड्डी के मज्जा के गहराई में छिप सकता है, जहां यह उपचारों के प्रभाव से बचता है। यह खोज HIV संक्रमितों के उपचार में नई चुनौतियाँ प्रस्तुत करती है, क्योंकि वायरस इस तरह से फिर से जागृत और सक्रिय हो सकता है, जिससे बीमारी की स्थिति बिगड़ सकती है। हड्डी के मज्जा और HIV वायरस का महत्व हड्डी के मज्जा और इसका HIV वायरस के संदर्भ में महत्व अत्यधिक है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि लंबे समय तक…