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नया एंटीकोआगुलेंट उत्पाद स्ट्रोक से बचने में मदद कर सकता है
आधुनिक चिकित्सा लगातार हृदय और रक्त वाहिका रोगों के उपचार के लिए नए दिशाएँ खोज रही है, विशेष रूप से रक्त के थक्के को रोकने वाली दवाओं के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए। स्ट्रोक, यानी मस्तिष्क की रक्त वाहिका आपातकाल की रोकथाम अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि उचित उपचार रोग की घटना के जोखिम को नाटकीय रूप से कम कर सकता है। नव विकसित दवाएँ केवल एट्रियल फ़िब्रिलेशन से पीड़ित रोगियों के लिए ही नहीं, बल्कि कई अन्य हृदय ताल विकारों से ग्रस्त लोगों के लिए भी आशा प्रदान करती हैं। नवीनतम शोध के अनुसार, ये औषधियाँ स्ट्रोक के जोखिम को प्रभावी ढंग से कम करती हैं, जिससे यह आधुनिक…
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एंटीकोआगुलेंट दवा लेने वाले मरीजों के लिए आहार
आधुनिक चिकित्सा की एक प्रमुख उपलब्धि एंटीकोआगुलेंट उपचारों का प्रसार है, जो थ्रोम्बोएम्बोलिक बीमारियों से पीड़ित, कृत्रिम वाल्व के साथ जीने वाले और एट्रियल फिब्रिलेशन से निदान किए गए रोगियों को सुरक्षित जीवन जीने का अवसर देता है। हालांकि, इन दवाओं का उपयोग केवल दवा चिकित्सा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रोगियों के पोषण पर भी गंभीर प्रभाव डालता है। रक्त के थक्के बनाने वाले प्रभाव को इष्टतम रूप से प्राप्त करने के लिए, रोगियों को अपने के-व्हिटामिन के सेवन पर ध्यान देना आवश्यक है। के-व्हिटामिन की भूमिका रक्त के थक्के बनाने में महत्वपूर्ण है; एंटीकोआगुलेंट दवाएं, जैसे कि वारफारिन और एसीनोक्यूमारोल, इस विटामिन के प्रभाव को अवरुद्ध करती…